अल्लाह न देखा न देखा है भगवान,
पर जातिवाद के लिए देखा है जलता हिंदुस्तान!
मैं हूँ मुस्लिम मैं हूँ हिंदू,
अपने ही रंगों में बट गया है आवाम!
कयूँ रचाई कृष्ण ने लीला,
जब वो कर न सकी मानवता का उत्थान!
पढ़कर भी कुरान की आयतें,
क्यूँ करते हो कत्ले आम!
खून के भी रंग बनाये,
और अपने रंग पर है सबको अभिमान!
क्या मिला भगवान बना कर,
जब ख़ुद ही बन गए शैतान!
अल्लाह न देखा भगवान न देखा,
पर जातिवाद के लिए देखा है जलता हिंदुस्तान!
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awsum peom......really a surprise....
ReplyDeletesuhani
बहुत खूब.....
ReplyDeleteब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत.
खूब लिखे,खूब पढ़े॥
-आमिर खान"तन्मय"
स्वागत मेरे ब्लॉग पर भी।
http://megageniusak।blogspot.com/
http://aamiracekhan.blogspot.com/
Likhte rahiye.
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