Saturday, August 1, 2009

कैसी है मुश्किलें कैसी है डगर


फ़िर बात आ पाई दिल की जुबान पर,
हे गए आरमान फ़िर आंखों के द्वार पर!
जाम से भी आँसू छलके,
मदहोशी भी न कर पाई दिल की धड़कन को हलके!

सपने जो लगने से लगे थे अपने,
टूटे ऐसे की बटोर भी न पाए थे तिनके!
महफिलों में भी है तनहाई का आलम,
मन में है उदासी, आँखे है नम!

दुआ न कोई दवा है,
जख़म ऐसा दिल पे लगा है!
करें भी तो क्या करें? किस्मत का सारा खेल है,
ऊपर वाले ने ज़रूर किया कुछ घाल मेल है!

अभी भी न जाने क्यों है आग सी लगी,

वक्त बदलने की तड़प जाग उठी!

पर जानू न कैसी है मुश्किलें कैसी है डगर,

मंजिल की तलाश में तै करना है अनजान सफर!














Wednesday, July 29, 2009

देखा है जलता हिंदुस्तान!!!!!!!!

अल्लाह न देखा न देखा है भगवान,
पर जातिवाद के लिए देखा है जलता हिंदुस्तान!
मैं हूँ मुस्लिम मैं हूँ हिंदू,
अपने ही रंगों में बट गया है आवाम!

कयूँ रचाई कृष्ण ने लीला,
जब वो कर न सकी मानवता का उत्थान!
पढ़कर भी कुरान की आयतें,
क्यूँ करते हो कत्ले आम!

खून के भी रंग बनाये,
और अपने रंग पर है सबको अभिमान!
क्या मिला भगवान बना कर,
जब ख़ुद ही बन गए शैतान!

अल्लाह न देखा भगवान न देखा,
पर जातिवाद के लिए देखा है जलता हिंदुस्तान!

Thursday, July 23, 2009

गली गली में शोर है!

गली गली में शोर है,
समलैंगिकता का जोर है!
दिल्ली हाई कोर्ट के दब दबे में,
गे कम्युनिटी का ज़ोर है!

खुले विचारों की भोर है,
सब को अपनाने की होड़ है!
सास बहु के झंझट छुटे
सतीप्रथा की तोड़ है!

गे मैरिज़ का नया दौर है,
पंडितों का जीवन कठोर है!
बने बाराती या बहाए डोली के आंसू,
माँ बाप की चिंता ही कुछ ओर है!

अजी गली गली में शोर है,
समलैंगिकता का ज़ोर है!

Wednesday, July 22, 2009

उडान उम्मीद की


दिल चला है , दिल चला है !
अंजान मंजिलों के सफर पर निकल पड़ा है !
आसमां को पाने की चाह में ,
पंख पसारे तैयार खड़ा है!

तोड़ के बन्धनों के पिंजरे ,
आजाद गगन में उन्मुक्त उडा है!
छु पाए न दर्द की परछाई जहाँ पर ,
उन उचाइयों के सफर पर निकल पड़ा है!

इतिहास की परछाई छोडे
खुशियों के उजाले ढूंढे पड़ा है!
उठती गिरती भावनाओं के भवर से,
बहार आने को लड़ रहा है!

उज्जवल भविष्य की उम्मीद के तिनके,
संभाले तूफानों में भी बढ़ रहा है!
मिलेगी इसे भी रहा कभी तो,
इस ख्याल में अडा हुआ है!

दिल चला है , दिल चला है!
अंजान मंजिलों के सफर पर निकल पड़ा है!